रविवार, 16 अगस्त 2009

किंग खान घेरे में, बौना साबित हुआ 'कॉमन मैन’

दुनिया बदल गई। हिंदुस्तान ने आजादी के 62 साल पूरे कर लिए। पर क्या हमारी मानसिकता और सोच ने इस बदलाव को स्वीकार किया? और जब यह खबर आई कि अभिनेता शाहरुख खान को अमेरिका में यात्रा के दौरान कस्टम अधिकारियों ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया तो मानो भारतीय मीडिया में कोहराम मच गया। हर अभिनेता-नेता के विचार टीवी स्क्रीन पर रंग-बिरंगे गुब्बारे की तरह उछलने लगे। ऐसा लगा हर कोई एक-दूसरे के गुब्बारे को हथियाने में लगा हो। मानो, एक बार फिर से अमेरिकियों ने नागासाकी और हिरोशिमा जैसे विगत किसी हादसा को दुहराया हो।

इस सब के बीच जेहन में सवाल उभरता है कि आखिर क्यों हमारे देश में आज भी एक आम आदमी और सेलीब्रिटीज के बीच अच्छा खासा फासला है। इन सारे मामलों में संवैधानिक मौलिक अधिकार गौण हो जाते हैं और सेलीब्रिटीज अहम बन जाता है। क्या किसी आम भारतीय के साथ ऐसा होता तो इतना बवेला मचता? आखिर एक 'कॉमन मैन ’ और नामचीन हस्ती के बीच इतना दूरी क्यों?

अब जरा इन चार बयानों पर गौर फरमाएं:
'मेरे नाम के आगे खान जुड़ा है और मुझे लगता है कि जांच के लिए बनाई गई सूची में इसका कोई जिक्र नहीं है। ’ - शाहरुख खान
'ऐसा मेरे साथ भी हुआ है। अब तो जिस तरह वे हमारी जांच करते हैं, उसी तरह हमें भी अमेरिकियों की जांच करनी चाहिए। ’ - अंबिका सोनी
'ये अपमानजनक और स्तब्ध कर देने वाला है। मैं ये नहीं कहती कि शाहरुख की जांच मत करो, क्योंकि वो पूरी दुनिया में मशहूर एक्टर है। लेकिन सिर्फ इसलिए रोकना कि उनके नाम में खान जुड़ा है बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। ’ - प्रियंका चोपड़ा
'अमेरिका में जांच के कड़े प्रावधान हैं। तभी तो 9/11 के बाद कोई चरमपंथी घटना नहीं हुई। ये तो सबके साथ होता। इसे तूल नहीं देना चाहिए। ’ - सलमान खान


इनमें तीन सिनेमा से जुड़े हैं और एक राजनीति के झंडे को जोर से थामी हुई हैं। शाहरुख खान खुद के साथ किए गए बर्ताव से बेहद खिन्न नजर आते हैं। पर वही किंग खान जब सिनेमाई पर्दे पर किसी वरिष्ठï अभिनेता (मसलन मनोज कुमार) का फूहड़ तरीके से मजाक उड़ाते हैं, उनकी शर्मींदगी पता नहीं कहां छू-मंतर हो जाती है। हर चीज को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना और बाजार में भुनाना आज कथित इन 'सभ्य पुरुषों ’ की आदत बनती जा रही है। चाहे इमरान हाशमी का मामला हो या फिर किंग खान का।

हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कुछ दिनों पहले भी हमारे आदरणीय पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को भी इसी जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ा था। पर शालीन और विनम्र कलाम ने इस घटना को ज्यादा तूल देने के बजाय इसे जांच का हिस्सा मानकर विराम लगा दिया। क्या हमारे ये अभिनेता और सेलीब्रिटीज इस उदाहरण को अपने जीवन में अपनाएंगे?

2 टिप्‍पणियां:

hem pandey ने कहा…

'अमेरिका में जांच के कड़े प्रावधान हैं। तभी तो 9/11 के बाद कोई चरमपंथी घटना नहीं हुई। ये तो सबके साथ होता। इसे तूल नहीं देना चाहिए। '
-सलमान खान के इस बयान में दम है. याद रहे हमारे सांसद तक कबूतरबाजी जैसे गैर कानूनी काम में लिप्त रहे हैं. इस लिए एक फिल्मस्टार होने के नाते शाहरुख खान को जांच में छूट नहीं दी जानी चाहिए.हमारे देश में नेता, अभिनेता और अन्य तमाम वी आई पी तथा उनके लगुए भगुए सुरक्षा तथा अन्य जांचों से छूट पा लेते हैं. इनकी आड़ में अपराधी तत्व अपना काम निकाल लेते हैं.

अर्कजेश ने कहा…

badhiya likha hai mai bhi is par ek post likh raha hun,