शनिवार, 11 जून 2011

कब लौटेगी पाक में शांति की बयार?

पाकिस्तान में नित नए धमाकों ने आम लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। ब्लास्ट के बाद इंसानों का क्षतविक्षत शरीर किसी को भी रुलाने के लिए काफी है। पर आतंकियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। वे तो बस अंगुलीमाल डाकू की तरह शवों की तादाद बढ़ाने पर जश्न मनाते हैं।

मौत से पहले एक इंटरव्यू में ओसामा बिन लादेन ने कहा था यदि आतंकियों के जेहाद में आम लोगों की कुर्बानी होती है तो ये मौतें जायज है। आतंकी भी उसी राह पर चल पड़े हैं जहां इंसानी रिश्ते, प्यार और भाईचारा उनके लिए कोई मायने नहीं रखता।

दुख की बात यह है कि इन धमाकों से पाक आवाम का दूर-दूर तक रिश्ता नहीं है। आईएसआई, फौज, सरकार और अमेरिकी मिलीभगत से इन आतंकियों को स्वहित में खड़ा किया गया। आज वही आतंकी मुल्क को खत्म करने पर तुले हैं।

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