शनिवार, 11 जून 2011

'पिकासो ऑफ इंडिया' का जाना

'पिकासो ऑफ इंडिया' के निधन की खबर दिल को रुला गई। मकबूल फिदा हुसैन की शख्सियत के यूं तो कई पहलू हैं, इनमें कई स्याह हैं तो कई श्वेत व निर्मल भी। यदि उनके व्यक्तित्व को खंगालना हो तो हमें एक हिंदुस्तानी के अलावा एक आम इंसान की तरह उन्हें देखना होगा।

हिंदुस्तान में हुसैन की छवि ऐसी रही है जो जानबूझकर अपनी पेंटिंग्स बेचने के लिए विवाद पैदा करता रहा। बात भारतमाता पेंटिंग की हो या फिर हिंदू देवी-देवताओं की तसवीर की। इसके चलते उनपर कई मुकदमे भी दर्ज किए गए। वहीं, दुनियाभर में उनकी पेंटिंग्स को जमकर सराहा गया। वह जहां भी गए, उनकी कलाकारिता और प्रतिभा को वैश्विक दर्पण में हिंदुस्तानी की तरह सराहना और प्रशंसा मिली।

फिल्मों के जबर्दस्त शौकीन एमएफ हुसैन ने नामचीन अभिनेत्रियों माधुरी दीक्षित और तब्बू के साथ फिल्में बनाई। बॉलीवुड में तो कई एक्ट्रेस के साथ उनकी डेटिंग की खबरें भी आती रही। पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित हुसैन को दुनियाभर में कई सम्मानों से नवाजा गया। बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में तो उनकी पहली फिल्म 'थ्रू द आई ऑफ पेंटर' को गोल्डेन बीयर पुरस्कार मिला।

महाराष्ट्र के पंढरपुर में 17 सितंबर 1915 को जन्मे मकबूल फिदा हुसैन ने दुनियाभर में हिंदुस्तान का नाम रोशन किया। पेंटिंग्स में राजा रवि वर्मा, अबिंद्रनाथ टैगोर, अमृता शेरगिल, जैमिनी रॉय, जतिन दास, नंदलाल बोस की सम्मानित पीढ़ियों में हुसैन का हमेशा अलग स्थान रहेगा।

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